मणिपुर में पिछले साल हिंसा के बीच कुकी-जो समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया था। मई में हुई इस वारदात का वीडियो जुलाई में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले में CBI ने चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में दावा किया गया है कि मणिपुर पुलिस के अधिकारी इन महिलाओं को कांगपोकपी जिले में 1000 मैतेई प्रदर्शकों के बीच लेकर पहुंचे थे।
चार्जशीट में कहा गया है कि इन महिलाओं ने पुलिस की गाड़ी में शरण मांगी थी। लेकिन, पुलिस ने दोनों महिलाओं को भीड़ के बीच छोड़ दिया, जिसके बाद भीड़ ने उन्हें निर्वस्त्र करके परेड कराई और फिर उनके साथ यौन शोषण किया। इन महिलाओं में से एक कारगिल युद्ध लड़ चुके सैनिक की पत्नी थी।
चार्जशीट की जानकारी देने वाले अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं ने पुलिसवालों से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए मदद मांगी थी, लेकिन पुलिसवालों ने महिलाओं को कहा कि उनके पास गाड़ी की चाबी नहीं है। पुलिस ने महिलाओं की कोई मदद नहीं की।
महिलाओं ने पुलिस से सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में मदद मांगी थी
चार्जशीट के मुताबिक, यह भीड़ कांगपोकपी जिले में महिलाओं के गांव में जबरदस्ती दाखिल हुई थी। कई विक्टिम के साथ दोनों महिलाएं भीड़ से बचने के लिए जंगल की तरफ भागीं, लेकिन भीड़ ने उन्हें देख लिया। भीड़ में से कुछ लोगों ने महिलाओं से कहा कि वे सड़क किनारे खड़ी पुलिस की गाड़ी के पास पहुंचकर मदद मांगें।
किसी तरह महिलाएं पुलिस की गाड़ी तक पहुंचीं और उसके अंदर बैठ गईं। इसके बाद भी ड्राइवर और दो पुलिसवाले गाड़ी में शांति से बैठे रहे। तीन-चार पुलिसवाले गाड़ी के बाहर खड़े थे। इन महिलाओं के साथ एक पुरुष विक्टिम भी पुलिस की गाड़ी में बैठा था, उसने पुलिसवालों से हाथ जोड़कर कहा कि उन्हें किसी सुरक्षित जगह ले चलें, लेकिन पुलिसवालों ने उसे जवाब दिया कि गाड़ी की चाबी नहीं है।
पुलिस ने जीप को भीड़ के बीच ले जाकर खड़ा कर दिया और वहां से चले गए
पुलिस ने गाड़ी में बैठे पुरुष के पिता को भी भीड़ के हाथों प्रताड़ित होने दिया। इसके बाद पुलिस जिप्सी के ड्राइवर ने 1000 लोगों की भीड़ की तरफ गाड़ी मोड़ी और उनके सामने जाकर गाड़ी रोक दी। जीप को भीड़ के बीच खड़ा करके पुलिस वाले वहां से चले गए।
तब तक भीड़ ने जीप में बैठे पुरुष विक्टिम के पिता को मार डाला था। इसके बाद भीड़ जीप की तरफ आई। लोगों ने महिलाओं को जीप से बाहर खींचा, उन्हें निर्वस्त्र किया और इसी हालात में उन्हें घुमाया। इसके बाद उनका रेप किया।
पिछले साल अक्टूबर में CBI ने कोर्ट में दाखिल की थी चार्जशीट
CBI ने ये चार्जशीट पिछले साल 16 अक्टूबर को गुवाहाटी के CBI कोर्ट में स्पेशल जज के सामने दाखिल की थी। इस चार्जशीट में कहा गया है कि दोनों महिलाएं 900 से 1000 लोगों की भीड़ से भागने की कोशिश कर रही थीं। इस भीड़ के पास AK राइफल्स, SLR, इन्सास और .303 राइफल्स भी थीं।
CBI ने चार्जशीट में हुईरेम हिरोदास मैतेई समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया है। हुईरेम को पिछले साल जुलाई में मणिपुर पुलिस ने पकड़ लिया था। इसके अलावा एक नाबालिग के खिलाफ एक रिपोर्ट दाखिल की गई है। आरोपियों के खिलाफ IPC की कई धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है। इनमें गैंग रेप, मर्डर, महिला की अस्मिता को तार-तार करना और आपराधिक षड्यंत्र शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट बोला- सरकार कदम उठाए, वरना हम उठाएंगे
वीडियो सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वीडियो देखकर हम बहुत परेशान हुए हैं। हम सरकार को वक्त देते हैं कि वो कदम उठाए। अगर वहां कुछ नहीं हुआ तो हम कदम उठाएंगे। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान महिलाओं का एक औजार की तरह इस्तेमाल कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह संविधान का सबसे घृणित अपमान है।
बिष्णुपुर में महिलाओं ने आर्मी को हथियार ले जाने से रोका
वहीं, मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में मंगलवार 30 अप्रैल को महिला प्रदर्शनकारियों ने आर्मी को रोक लिया। सेना यहां से जब्त हथियार और गोलाबारूद लेकर जा रही थी। घटना मंगलवार सुबह की है। आर्मी की 2 महार रेजीमेंट ने कुम्बी इलाके में पेट्रोलिंग के दौरान दो SUV को रोका। एक अफसर ने बताया कि जैसे ही उन्होंने आर्मी को देखा, वे हथियार छोड़कर भाग गए।
अफसर ने ये भी बताया कि कुछ देर बाद मैतेई महिलाओं का ग्रुप मीरा पायबिस मौके पर पहुंचा। इन्होंने मांग की कि हम (आर्मी) हथियार छोड़कर चले जाएं। महिलाओं ने यह भी मांग की कि कुकी-मैतेई के बीच संघर्ष जारी तक कोई हथियार जब्त नहीं किया जाए।
अफसरों ने बताया कि सैकड़ों महिलाओं ने रोड ब्लॉक कर दी थी। उन्हें हटाने के लिए हमने हवाई फायर किए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची। इस बात पर सहमति बनी कि आर्मी पुलिस को हथियार सौंप देगी।
प्रदर्शनकारियों की नेता जया खागेनबाम ने बताया कि कुम्बी जैसे इलाकों से अगर हथियार जब्त कर लिए जाएं तो यहां हथियारबंद आतंकियों के हमले का खतरा हो सकता है।