जमीन घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। ईडी की ओर से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और रिमांड को गलत बताने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।
हेमंत सोरेन ने याचिका दायर कर गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। बहस के दौरान हेमंत के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया था मामला शेड्यूल ऑफेंस का नहीं है। इसलिए हेमंत के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है।
जिसके बाद 28 फरवरी को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ में यह मामला जजमेंट के लिए सूचीबद्ध की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में भी दायर है याचिका
गिरफ्तारी और डिमांड आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट की ओर से फैसला नहीं सुनाए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर कर रखी है।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन की इस याचिका पर सुनवाई करने का अनुरोध किया था। जिस पर हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा और छह मई को सुनवाई की तारीख निश्चित की है।
जिस जमीन को लेकर आरोप, वह मेरी नहीं
गिरफ्तारी और ईडी की डिमांड को हाईकोर्ट में फरवरी में ही हेमंत सोरेन ने चुनौती थी। दायर याचिका में उन्होंने अदालत को बताया है कि उनकी गिरफ्तारी और डिमांड गलत है। उन पर ईडी जो आरोप लगाए हैं वह मनी लांड्रिंग के नहीं हैं।
जिस जमीन की बात ईडी कर रहा है वह जमीन उनके नाम कभी रही ही नहीं। उधर हेमंत सोरेन ने एक और याचिका प्रोविजनल बेल को लेकर दायर की है, जिसमें उन्होंने अपने चाचा के श्राद्धकर्म में शामिल होने की अनुमति मांगी है।
पीएमएलए कोर्ट नहीं बढ़ाई न्यायिक हिरासत
इधर रांची स्थित पीएमएलए की विशेष कोर्ट ने हेमंत सोरेन की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है। हेमंत सोरेन को अब 16 मई तक रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में रहना होगा। गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में उनकी पेशी हुई और इसके बाद न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ा दी गई।